ش | ی | د | س | چ | پ | ج |
1 | 2 | 3 | 4 | |||
5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 |
12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 |
19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 |
26 | 27 | 28 | 29 |
گاهگاهی
فرصتی
دست دهدم ار
ـ به خیال بی خیالی !
یا که
ساغر و باده مهیا شودم
یا که
ساقی مستم
باده مستانه دهدم مست و خراب
یا که این من
نهراسم ز هراسی
نهراسم ز خطرهای هجوم آورده آن ترس کهنسال جهانی
ـ هدیه آن دیو لعین !
یا که هر دم
نگریزم ز درونم
ز درون این توفانزده دل
این خسته زخمی !
دلکم را بهر شنا
میزنم من
به درون آب دریا ...